और बेटे की पत्नी उसके बाप के काम क्यों ना आए?फिर योगेन्द्र बोला कि बेटी घबरा मत। में हूँ ना तेरी हर तरह की मदद के लिए। बोलो कितने पैसे चाहिए तुझे। दस लाख, बीस लाख। में तुझे इतना धन दूँगा कि तुझे कोई कमी ना रहेगी और कभी प्रशांत के आगे हाथ नहीं फैलाने पड़ेंगे। बस तुम मेरे घर की इज़्ज़त रख लो और प्रशांत की बात किसी से मत कहना और तुझे जब भी किसी चीज़ की ज़रूरत हो तो मुझे बुला लेना।योगेन्द्र ने कहा और अपनी बहू को बाहों में भर लिया। रोती हुई बहू उसके सीने से चिपक गयी और जब दिव्या का गरम जिस्म ससुर के साथ लिपटा तो एक करंट उसके जिस्म में दौड़ गया जिसका सीधा असर उसके लौड़ा पर हुआ। तभी 45 साल के आदमी में पूरा जोश भर गया और उसने अपनी बहू को सीने से भींच लिया और उसके गालों को सहलाने लगा।उधर जवान बहू ने जब इतने दिनों के बाद आदमी के जिस्म को स्पर्श किया तो उसकी बूर में भी एक आग सी मच गयी और वो एक मिनट के लिए भूल गयी कि योगेन्द्र उसका पति नहीं बल्कि पति का बाप था। योगेन्द्र ने बहू को गले से लगाया हुआ था और फिर वो सोफे पर बैठ गया और दिव्या उसकी गोद में। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट















