गर्मी की छुट्टियों में पड़ोस के उस नौजवान को दिया गया एक गंदे शरीर का मालिश उपहार

फिर मैंने रजत को घोड़े की रस्सी पकड़ने को कहा, जो नेहा की चूत को छू रही थी।इसके बाद मैं दूसरे घोड़े पर बैठ गया और दोनों घोड़ों की लगाम अपने हाथ में ले ली। जैसे ही घोड़ा चलता, रजत का हाथ नेहा की चूत पर रगड़ता। नेहा को बहुत मज़ा आ रहा था और रजत को भी। मैं उन्हें गोवा के नज़ारे दिखा रहा था और बातें कर रहा था।अब रजत ने एक उंगली नेहा की चूत पर रगड़ना शुरू किया और नेहा मुस्कुरा रही थी। जैसे-जैसे घोड़ा चलता, रजत अब पूरा हाथ उसकी चूत पर रगड़ लेता। थोड़ी देर बाद एक नदी के किनारे मैंने घोड़े को रोक लिया और उन दोनों से कहा, “अब थोड़ा यहाँ पैदल घूमते हैं।” उन्होंने कहा, “ठीक है।”मैंने पहले नेहा को उतरने को कहा, लेकिन वो उतर नहीं पा रही थी। मैंने उसे दोनों हाथों से बगल से पकड़ा और नीचे उतारने को कहा। तभी उसके स्तन मेरे हाथों को छू गए। मेरे शरीर में तो जैसे करंट दौड़ गया। क्या नरम-नरम स्तन थे!

गर्मी की छुट्टियों में पड़ोस के उस नौजवान को दिया गया एक गंदे शरीर का मालिश उपहार

Actors: India Summer

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