गर्मियों की एक रात, मालविका के साथ मेरा जंगी अडवेंचर और गर्म मुलाकात

हा हा हा… ऊऊऊ… ऊँ.. XXX Hindi ऊँ… ऊँ… उनहूँ उनहूँ..” की चीख निकाल दी।मुझे बहुत दर्द हो रहा था। उसका बड़ा मोटा लंड मेरी चूत को फाड़ डाला। बिना मेरा दर्द समझे वो धक्के पर धक्का मार कर मेरी चूत में अपना लंड जड़ तक घुसा कर जोर जोर से मेरी टांगो को पकड़ कर चोदने लगा। घच घच पच की आवाज एक लय में सुनाई दे रही थी। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.मैं भी “….उंह उंह” की आवाज से सुर ताल मिला रही थी। उसने मुझे उठा लिया। उसके बाद मेरी एक टांग उठाकर धका धक् पेल रहा था। मेरी चूंचिया हिल रही थी। उसके लंड की गोलियां मेरी टांगो पर कभी कभी लग रही थीं। उसने मेरी चूत को फाड़कर उसका भरता बना डाला।जोर जोर से चुदाई का माहौल बन गया। उसने भीं अपनी गाड़ी तेज चलाई। हचक हचक कर मेरी चूत में अपना लंड डाल कर मुझे दर्द दे रहा था। मैं भी बहुत उत्तेजित होने लगी। मुझे भी उस दर्द में मजा आने लगा। वो कुछ ही देर में थक गया। वो बिस्तर पर लेट गया।मै भले ही अभी तक चुदी न थी। लेकिंन फिर भी काफी स्टाइल मैने ब्लू फिल्मो से सीखा था। मै उसके लंड को खड़ा करके चूत रख के बैठने लगी। धीरे धीरे मेरी चूत ने उसका पूरा लंड

गर्मियों की एक रात, मालविका के साथ मेरा जंगी अडवेंचर और गर्म मुलाकात

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