चूस साली कुत्तिया… तुझे तो मैं गालियाँ दे-दे कर… तेरे दोनों मम्मे खींच-खींच कर चोदुँगा… साली बापचुदी कुत्तिया… उफ़फ़फ़… हाय मेरी जान ज़रा मुँह और खोल ना… साली तेरी छतियों को चोदूँ!मैं कुछ बोले बगैर उनकी मर्ज़ी के हिसाब से उन्हें अपने जिस्म से खेलने दे रही थी। दरअसल एक साथ दो-दो मर्दों के लौड़ों अपने हुस्न की गिरफ्त में करके बेहद अच्छा लग रहा था और कुछ भी बोलकर मैं उनसे मिलने वाला मज़ा किरकिरा नहीं करना चाहती थी।ढाबेवाले का सब्र अब खत्म होने लगा था और वो अपना लंड जल्द से जल्द मेरी चूत में घुसेड़ने की तलब में मुझसे चटाई पर लेटने को बोला ताकि वो मुझे चोद सके। लेकिन टाँगेवाला मेरी गाँड छोड़ने को तैयार नहीं था इसलिये उन्होंने फैसला किया कि ढाबेवाला मेरे नीचे लेट कर नीचे से मेरी चूत में लंड चोदेगा और टाँगेवाला पीछे से मेरी सवारी करते हुए मेरी गाँड मारेगा।मैं तो खुद कब से उनके लौड़े एक साथ अपनी चूत और गाँड में लेने की आरज़ू कर रही थी लेकिन फिर भी मैं उन्हें तड़पाने के लिये झूठा नखरा करते हुए बोली, “अरे तुम दोनों एक साथ करोगे तो मेरी चूत और गाँड दोनों फट जायेंगी… इसलिये प्लीज़ एक-एक करके मेरे साथ मज़े लो… पर एक साथ मत चोदो… नहीं तो मैं मर जाऊँगी!“चुप साली… छोड़ ये सब मरने-जीने की बातें… तुझे तो
गर्मजोशी से भरी बीवी की मस्त चुदाई
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