पता नहीं क्यों गायत्री मंत्र का स्मरण हो रहा है। माता रक्षा करो…केले की ऊपरी सतह दिख रही है। योनि के छेद को फैलाए हुए। काले बालों के के फ्रेम में लाल गुलाबी फाँक … बीच में गोल सफेदी… उसमें नाखून के गड्ढे… कुछ देर की जांच-परख के बाद मेरा पैर बिस्तर पर रख दिया जाता है। मैं नाइटी खींचकर ढकना चाहती हूँ, पर….“एक कोशिश कर सकती है।”“क्या?”“मास्टरबेट (हस्तेमैथुन) करके देखे। हो सकता है ऑर्गेज्म(स्खलन) के झटके और रिलीज(रस छूटने) की चिकनाई से बाहर निकल जाए।”छवि सोचती है।“माधुरी!”मैं कुछ नहीं बोलती। उन लोगों के सामने हस्तमैथुन करना ! मेरी दुर्दशा की शुरुआत हो चुकी थी। मैं बिस्तर पर बैठ गई। छवि ने मुझे पीछे तकिए पर झुकाया और मेरे पाँवों के पास बैठ गई। मेरी नाइटी उठाकर मेरे घुटनों को मोड़ी और उन्हें धीरे धीरे फैला दी। बालों की चमचमाती काली फसल………. XXXBF अभी ! कुछ बोलती क्यों नहीं?”मेरा घबराया चेहरा देखकर संयमित हुई,”आओ, पहले बैठो, घबराओ नहीं।”मेरा कंधा पकड़कर लाई और बिस्तर पर बिठा दिया। मैं किंचित जांघें फैलाए चल रही थी और फैलाए ही बैठी।“अब बोलो, क्या बात है?”मैंने भगवान से अत्यंत आर्त प्रार्थना की- प्रभो ….. यह सिर्फ हम तीनों के बीच रहेगा…..!”मेरी आँखों के आगे अंधेरा छाया हुआ है। मुझे पीछे ठेलकर तकिए पर लिटा रही है। मेरी नाइटी ऊपर खिंच रही है….
गर्मजोशी से भरा कामुक प्यार
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