शनिवार का दिन था तो इसलिए जल्दी बाजी भी नहीं थी क्योंकि दूसरे दिन छुट्टी का दिन था मैंने उनको कहा कि भैया आप रात को यहीं सो जाओ अब आप क्या जाओगे सुबह जाना.हम तीनो बहने चाहते थे वह रात को उस समय हम तीनों के मन में कोई बात नहीं थी ना तो चाहते थे कुछ. XXX Hindi मेरी मां एक दुकान चलाती थी पापा का एक छोटा सा बिजनेस था वही करते थे। हम तीनों मिलजुल कर रहते थे पर एक जो सबसे ज्यादा बात खटकती थी.वह यह थी कि मेरी मां थोड़ी पुराने ख्याल की थी और मेरे पापा भी मेरी मम्मी से हमेशा नीचे रहते थे यानी की मम्मी हमेशा डांटते रहती थी तो यहां पर मम्मी का चलता था मेरे पापा का नहीं चलता था पुराने ख्यालात की होने के कारण वह हम लोग को ज्यादा छूट नहीं देती थी.फैशन में कोई कमी नहीं करने देती थी कपड़े एक से एक देती थी। पर वह किसी लड़के से बात करने देना नहीं चाहती थी वह सोचती थी कि शायद हम लोगों को पटा लेगा और भगा के ले जाएगा इसलिए वह हमेशा अपने मन में यह सभी बातें सोचते रहती थी। अब मैं सीधे कहानी पर आती हूं। उस समय हम लखनऊ में रहते थे। मेरे सामने वाले मकान में एक लड़का रहता था वह भी करीब 22 साल का
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