मैं धीरे से उनसे और चिपक गया अब मेरा मूह भाभी के पेट से चिपका था और भाभी के दूध मेरे इतना करीब कि मैं अगर अपना मूह थोड़ा सा भी उपर करूँ तो शायद वो मुझसे टच हो जाते.मेरे साँसें गर्म हो चुकी थी और मैं उसे जान बूझ कर भाभी के दूधों के पास ‘जहाँ ब्रा ख़तम होती है’ छोड़ रहा था. BF XXX थोड़ी देर बाद भाभी मेरे ऊपर से हटी और ओढ़ने के लिए चादर ढूँढने लगी.मैं – चादर मत ओढ़ो.भाभी- – क्यों अभी मंन नहीं भरा क्या.मैं – आपसे कभी मंन भर सकता है क्या, इतनी तपस्या के बाद तो आप मिली हो मुझे जी भर कर देखने दो.उसके बाद मैने भाभी को सीधा लेटा दिया और पूरे शरीर के एक एक उभार को देखने, महसूस करने लगा. मैं धीरे से बाथरूम के करीब गया और कोई सुराख ढूँढने लग़ा. हमने कहा था ना सिर्फ़ सोना.पर मुझे पता नहीं कौन सा भूत सवार था मैने उठते उठते भाभी को एक पप्पी कर दी. भाभी ने अपने दो हाथ पीछे कर तकिया पकड़ लिया. एकदम कसे हुए थे कड़क, वाउ. हमेशा यहीं नज़रें टिकी रहती है.मैं – आपको कैसे पता.भाभी – मुझे देखोगे तो मुझे पता नहीं चलेगा क्या. मुझे लगा मैने ये क्या कर दिया. एकदम कसे हुए थे कड़क, वाउ.















