आओ मेरी चूत में ऊँगली करो आकर!!” वो बोली.उसकी जब चूत देखी तो मैं भी इधर चुदासी हो गयी। दिव्या अपनी दोनों टांग खोलकर सोफे पर लेट गयी। मैं उसकी मस्त मस्त चूत को देखने लगी। दोस्तों उसकी चूत बड़ी खूबसूरत थी। उभरी उभरी और फूली फूली गद्दी जैसी दिख रही थी। मैं जीभ लगाकर जल्दी जल्दी चाटने लगी। दिव्या भी मजा काटने लगी। “……अई…अई….अई…..इसस्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….”बोल रही थी।मैं मस्त होकर चाट रही थी। उसे फुल मजा मिल रहा था। वो भी अपनी गांड उठाने लगी। दोस्तों उसकी चूत का दाना इतना सेक्सी, फिसलनभरा और चिकना था की क्या बताऊं। मैं जीभ लगा लगाकर उसके दाने को छेड़ रही थी। जल्दी जल्दी हिला हिलाकर चूस रही थी। उसकी चूत का मीठा रस चाट रही थी। दिव्या जन्नत का मजा ले रही थी।“प्रतिमा बहन!! XXXBF मेरा लौड़ा चूसेगी” वो बोला.मैं भी किसी छिनाल की तरह उसके पास जाकर सोफे पर बैठ गयी और उसकी जींस पेंट की बेल्ट खोलने लगी। उसकी पेंट को नीचे खींचकर अंडरवियर पर हाथ लगाने लगी।“आपका तो लौड़ा काफी मोटा है मनीष जी!!” मैं बोली.दोस्तों उसका लंड किसी डरावने नाग की तरह धीरे धीरे अपना फन उठाने लगा। मैं दिव्या के पति का लंड अंडरवियर के उपर से सहलाने लगी। कुछ देर में वो तन गया और तम्बू जैसा दिख रहा था। फिर अंडरवियर जैसे उतारी तो उसका 10” का लौड़ा किसी















