मैंने कहा।वो और मस्ती में आ गए और मेरे दूध पीने लगे। मैंने उनको नीचे कर दिया। मैं उनके ऊपर आ गयी। मैंने कसके अपने दूध उनके मुँह में कसके दबा दिया। उनको तो मज़ा आ गया। फिर मैंने अपन दुसरेे दूध को भी उनके मुँह में जोर से दबा दिया। उनको फिर से मौज आ गयी।जब उनके कुछ देर के लिए सास नही आयी तो मैंने अपने मम्मो को हटा लिया। जेठ जी अब मेरे पेट को सहलाने लगे। मेरी नाभि से खेलने लगे। मैंने उनको जी भरके अपनी नाभि चाटने दी। उन्होंने मेरे पेटोकोट का नारा खोल दिया। मैं व्हाइट चड्डी में थी।जेठ जी मेरी बुर पर चड्डी के ऊपर हाथ लगाने लगे। मैं सिसक उठी। उनका छुअन गहरी और गहरी हो गई। वो ऊपर से ही मेरी बुर की दरारे में ऊँगली फिराने लगे। मैं तड़प उठी। मैं चुदवाने से पहले उनका लण्ड चूसना चाहती थी।जेठ जी!! जिंदगी मौत तो ऊपर वाले के हाथ में है। रो मत बहू!! XXXBF मैंने उसने कहा.वो हँस पड़े। बहू तुम्हारा जब दिल करे तुम मेरा लण्ड चूस सकती हो! मैंने उसने कहा.वो हँस पड़े। बहू तुम्हारा जब दिल करे तुम मेरा लण्ड चूस सकती हो! मैंने कहा।मैं अंदर चली गयी। उन्होंने दरवाजा बंद कर लिया। मैं रात के 1 बजे भी सफ़ेद साड़ी में थी। जेठ जी मुझे बिस्तर पर ले गए और















