मेरे मेरे माथे को बार बार मुझे अपनी बीबी समझ के चूम रहा था.मेरे दोनों उजले कन्धों को वो चूम लेता था और काट लेता था. BF XXX देवर जी मेरे मम्मो को सहला रहे थे. मुझे बड़ी खुशी हुई. इसलिए वो जो जो चाहता है उसे दे दो.जब मेरे पति ने उससे पूछा तो उसने मुझे चोदने की इच्छा जताई. फिर उसने अपना मुंह हटा लिया और अपनी दो लम्बी उँगलियाँ मेरे भोसड़े में डाल दी. आज उसकी तमन्ना पूरी होने वाली थी.ऋत्विक की आँखों में जहाँ मेरे लिए बेसुमार प्यार था वहीँ मेरी चूत मारने की वासना भी मैं उसकी आँखों में देख रही थी. मेरी चूत से मक्खन निकलने लगा. डॉक्टर ने कहा था की उसे ये न बताया जाए. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.देवर मेरे दोनों स्तन को अपने सख्त हाथ से दबाने लगा. तुमने तो भैया का खूब लंड खाया है! आज मैं २ २ मर्दों से चुदने वाली थी. पर आज देवर का लंड खाने को मुझे मिल जाएगा. तो उस रात मैं भी खूब सज धज गयी. कुतिया बनो!! मैं बोली.देवर जी और मेरे पति दोनों अब नंगे हो गए. मैं तो बस अपने देवर जी ऋत्विक को ही देख रही थी. क्यूंकि मेरा काम मुझको बड़ी टेंशन और तनाव दे देता है. मैं उनके इस कोम्प्लिमेंट पर बड़ी खुश हुई.















