फिर वो कहेंगे ना कि ‘सैंया मेरे राखी के बन्धन को निभाना…’अपने दोस्तों के साथ शेयर करे- मैं दिन को घर में अकेली होती हूँ। बस घर का काम करती रहती हूँ, मेरा दिल तो यूँ पाक साफ़ रहता है, मेरे दिल में भी कोई बुरे विचार नहीं आते हैं। मेरे पति प्रातः नौ बजे कर्यालय चले जाते हैं फिर संध्या को छः बजे तक लौटते हैं। स्वभाव से मैं बहुत डरपोक और शर्मीली हूँ, थोड़ी थोड़ी बात पर घबरा जाती हूँ। Yoni Kissमेरे पड़ोस में रहने वाला लड़का सिद्धार्थ अक्सर मुझे घूरता रहता था। यूँ तो वो मुझसे काफ़ी छोटा था। कोई 18-19 साल का रहा होगा और मैं 25 साल कि भरपूर जवान स्त्री थी। कभी कभी मैं उसे देख कर सशंकित हो उठती थी कि यह मुझे ऐसे क्यूँ घूरता रहता है।इसका असर यह हुआ कि मैं भी कभी कभी उसे यहाँ-वहाँ से झांक कर देखने लगी थी कि वो अब क्या कर रहा है। पर हाँ, उसकी जवानी मुझे अपनी तरफ़ खींचती अवश्य थी। आखिर एक मर्द में और एक औरत में आकर्षण तो स्वाभाविक है ना। फिर अगर वो मर्द सुन्दर, कम उम्र का हो तो आकर्षण और ही बढ़ जाता है।एक दिन सिद्धार्थ दिन को मेरे घर ही आ धमका। मैं उसे देख कर नर्वस सी हो गई, दिल धड़क गया। पर उसके मृदु बोलों पर















