मेरा चाचा गुर्राया।इस घटना के बारे में मेरी माँ ने किसी को नही बताया। इसमें उसकी ही बेइज्जती होती। फिर हर दोपहर मेरा चाचा अंदर कमरे में चला जाता। और पुकारता भाभी!! BFSex और आज फेल हो गया! मेरा चाचा बड़ी गुस्से में बोला। और उसने पीले पेटीकोट को पकड़ा और इतनी जोर से खीचा कि पेटीकोट भी चर्र की आवाज करता फट गया।मेरी माँ की गाड़ फट गई। वो मेरे चाचा से चुदवाना तो चाहती थी, पर प्यार से नर्म बिस्तर पर। पर आज तो मेरा चाचा उसे ठंडे फर्श पर चोद चोद के उसकी चूत की गर्मी दूर करने वाला था। मेरी माँ का चेहरा पिला पड़ गया। उसका भोला भाला देवर ऐसा रूप भी बना सकता है, मेरी माँ ने कभी सपने में नही सोचा था।मेरी माँ ने इत्तफाक से उस दिन ना तो ब्रा पहनी थी, ना चड्डी पहनी थी। अब भी पानी से भीगी थी, वो गीली थी और नँगी हो गयी थी। मेरी जवान चुदासी माँ समज नही पायी की अपनी छतियों को ढके या चूत को। वो अपने दोनों हाथों से अपनी चूत ढकने लगी।हाय हाय मादरचोद!!, राण्ड!!















