तुमको शर्म नही आती??” मम्मी बोली और अपना हाथ राजेश चाचा के हाथ से छुड़ाने लगी।जब चाचा नही माने तो मम्मी ने खींच कर एक चांटा उनके गाल पर मार दिया। चाचा का गाल लाल हो गया। पांचो ऊँगली लाल लाल गाल पर चिपक गयी।“साली!! XXXBF अब मुझे क्यों तड़पा रहा है। डाल दे अपना लौड़ा मेरी चूत में और फाड़ दे इसे आज। आज तू पूरे कर ले अपने सारे अरमान। मेरी तरफ से तुझे पूरी छूट है” मम्मी जी बोली.अंत में चाचा ने मम्मी की इक्षा पूरी कर दी। अपन लंड उनकी चूत पर सेट कर दिया और जोर का एक धक्का दिया। पूरा 8” लंड भीतर घुस गया। मम्मी जी कसकने लगी। शायद उनको दर्द हो रहा था। चाचा ने मम्मी को चोदना शुरू कर दिया। दबाकर पेलने लगे। आज मम्मी जी पहली बार किसी गैर मर्द से चुदवा रही थी। वो “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ—ऊँ…ऊँ….” की तेज तेज आवाजे निकाल रही थी। बार बार अपना मुंह खोल देती थी। चाचा खुलकर मेरी मम्मी के साथ सेक्स कर रहे थे। मम्मी भी अब उनको अपना पति मान चुकी थी।दोनों मजे लेने लगे। चाचा अपनी रफ्तार बढ़ा रहे थे। गपा गप मम्मी की चूत का बाजा बजा रहे थे। दोनों मजे लुटने लगे। दोस्तों मैं 12 साल का छोटा बच्चा था पर सब कुछ समझ रहा था। चाचा















