उसका शरीर अब खिल गया था. वो और मैं, हमदोनों ही मस्त हो गए. BFSex मेरी आँखों में जब वो अपनी हिरनी जैसी चंचल आखें डालकर देखती थी वो मन करता था की इसको यही गिरा के चोद लूँ. थोडा खून उसकी गांड से निकला. पिछले ६ सालों से अपनी इस सबसे खूबसूरत स्टूडेंट को मैं देखता आया था.‘इसे मैंने इतने दिनों से पढाया है. मैं कल से यहाँ नही आऊंगा. मैंने अपनी चेली को अपने आलिंगन में भर लिया. जिससे बाई चांस कोई आ जाए तो कोई दिक्कत ना हो. बड़ी विशाल पीठ हो गयी थी.सिमरन अब सायद एक स्त्री और पुरुष के बीच जो जिस्मानी रिश्ता होता है, उसे समजने लगी थी. घड़ी दो घड़ी हम एक दूजे में खोये रहें. अब दूसरा पीने लगा. जिससे बाई चांस कोई आ जाए तो कोई दिक्कत ना हो. सिमरन गुप्ता जैसी मस्त माल आखिर रोज रोज कहाँ मिलती है. क्यूंकि सिमरन की बुर और चूत दोनों कुंवारी थी. मैंने उसकी आँखों में नाराजगी पढ़ ली थी.‘हाँ! उसको पढ़ाने के बाद मैं घर आ गया. मैंने उसके पैर खोल दिए थे. मैं नहीं जानता था की वो अपनी चूत में ऊँगली करती होगी या नही. मर गयी सर! मेरे मन में पूरी उम्मीद थी की मैं उसको ६ साल से पढ़ा रहा था.















