दीनदयाल को आभास था कि मैने उसका हथियार देख लिया था दीनदयाल मेरे दोनों छेदों का मजा लेने को बेताब था। मैने कागज के टुकड़े में लिख दिया कि हाँ देख लिया था तभी तो कुँवा मरम्मत मांग रहा है, लेकिन कब होगी कुवें की मरम्मत? XXX BF पर मुझे भी कब नींद आ गयी पता ही नहीं चला, मेरी नींद सुबह करीब साढ़े तीन बजे तब खुली जब वो फिर से अपना हथियार मेरे अंदर कर चूका था वो मेरी उस रात तीसरे राउण्ड की चुदाई कर रहा था , मेरा पूरा बदन उस रात उसने तोड़ कर रख दिया था, और फिर से उसने मेरी योनि तर कर दी और फिर से हम दोनों सो गए।दीनदयाल ने अपनी जवानी का रस मेरी तरसती योनि में लबालब भर दिया था, सुबह मेरी नींद खुली तो हम दोनों नंग धडंग पड़े हुए थे और हमारे कपडे कुछ बिस्तर पर और कुछ नीचे फर्श पर गिरे हुए थे दीनदयाल पीठ के बल सीधा लेता हुआ था उसके लण्ड की आगे की खाल पीछे उलटी हुई थी और सुपाड़ा ढीला पड़ा हुआ था.उस समय उसका लण्ड करीब साढ़े पांच इंच लंबा रह गया था लेकिन मोटाई में कोई ज्यादा कमी नहीं हुई थी ये उसका नार्मल साइज था, बिस्तर की कुचली हुई चादर रात का हाल बयाँ करने के लिए काफी थी, उस पर कई जगह सफ़ेद रंग के बड़े















