आराम की बात छोड़ो। अब तुम दो शेरनियों का शिकार हो। सलमा ! ये देख ! BFSex सलमा ने मुझे इशारा किया कि मैं आफरीन को नंगा करूँ। इधर आफरीन मस्त हो गई थी।आफरीन- सलमा मैंने इस भड़वे को बस में ही देख लिया और जानबूझ कर इसके पास बैठ गई। सोचा इससे हम शोलापुर जाकर चुदएंगे और वहाँ से वापस गुलबर्गा की दूसरी बस पकड़ेंगे। मगर इन्तजार नहीं करना पड़ा। मौका अपने आप चला आया।मैंने अब आफरीन को कस कर बाहों में ले लिया। उसके चूचे एकदम कड़क थे।मैं- आफरीन, तेरे गेंद तो जबरदस्त हैं।सलमा- आकाश, यह दो बच्चों की माँ है। फिर भी कैसे टनाटन है। हमारे मोहल्ले में इसकी एक झलक के लिए लोग तरसते हैं।आफरीन- यह भड़वा तो नसीब वाला है कि इसे ऐसे गेंद खेलने के लिए मिले, वरना यह आफरीन किसी आंडू-पांडू को घास नहीं डालती।मैंने उसकी गांड पर हाथ फेरना चालू किया। क्या मुलायम गांड थी। मैंने उसकी गांड को चूम लिया।आफरीन- आकाश, उ उ उ उ ह ! कैसे-कैसे बस डिपो पहुँची। थोड़ी देर बाद मिस्त्री ने आकर कहा- बस ठीक होने में दो-तीन घंटे लगेंगे और इस डिपो पर दूसरी बस भी नहीं है। सारे लोग उतर गए। कुछ लोगों को नजदीक ही जाना था उन्होंने अलग इन्तज़ाम किया और चले गए। हम तीनों भी उतर गए, सोचा कि कहीं साधारण सा होटल मिले
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