ये कोई रंडीबाजी वाली बात नही है। हर डॉक्टर का फर्ज होता है की अपने मरीज को पूरा ठीक कर दे आधा अधुरा नही!!” मैंने जिरह उसकी। मेरी बात का डॉक्टर निशा पर बहुत असर हुआ।“ठीक है पवन जी, मैंने आज तक किसी मरीज को ठीक करने के लिए चूत नही दी है, पर आपका केस जरा अलग है, इसलिए मैं आपको चूत दूंगी, आप मुझे चोदकर ये पता कर सकते है की आपका लंड ठीक हुआ है की नही हुआ” निशा बोली।उसके बाद उसने मुझे नही रोका। कुछ देर बाद मैंने उसकी सलवार और पेंटी निकाल दी। उनकी चूत के उपर झाटों से एक खरगोश बना हुआ था। मैं निशा की चूत पीने लगा। फिर उसकी सफ़ेद जांघो ने मैं खेलता रहा। फिर मैंने उसके दोनों पैर खोल दिए और चूत को मजे लेकर पीने लगा।कुछ देर में मैंने अपना लंड डाल दिया और डॉक्टर निशा की मालदार चूत को खाने लगा। दोस्तों, आज मैं बहुत खुश था। क्यूंकि डेढ़ साल बाद मैं किसी की चूत मारने में कामयाब हुआ था। उस कार एक्सीडेंट के बाद सब कुछ बदल गया था। पर वो तो भला हो डॉक्टर निशा का, इन्होने मुझे इतनी अच्छी दवाए लिखी की मैं पूरी तरह ठीक हो गया और डॉक्टर को चोद कर मैं ये पता कर रहा था।डॉक्टर निशा मजे से पक पक मेरा लंड खा















