मैंने उसको एक दो दिन में उसको बुलाना सुरु कर दिया, और मैं पहले उसके मम्मी का और अपने मम्मी का बिस्वास जितने के लिए उसको तब बुलाया जब उसकी मम्मी मेरे मम्मी से मिलने घर पे आई.तभी मैंने उसको फ़ोन किया की आ जाओ दीक्षा मैं फ्री हु, वो भी आ जाती थी फिर ये सिलसिला चलता रहा, मैंने धीरे धीरे उसको पटाने की कोशिश करने लगा, और वो भी अच्छे तरीके से मेरे हाथ में आ गई, मैंने उसको दोस्ती का ऑफर दिया और वो मान भी गई.अब हम दोनों एक दूसरे से काफी अच्छे तरीके से बात करने लगे. XXX Hindi मैंने अंदर बुलाया वो बैठ गई हम दोनों पलंग पे बैठ गए, मैंने कहा चैप्टर निकालो.पर मैं उसका ये रूप देखकर चैप्टर के बारे में सोचना ही बंद कर दिया और बस उसकी टाइट चूचियों को और उसकी गोल गोल जांघो को ही निहार रहा था, मेरा तो लंड काफी मोटा हो गया और मेरी धड़कन तेज हो गई थी, फिर मैंने किसी तरह अपने आप को संभाला और फिर इधर उधर की बात करने लगा पर मेरे मन उसको चोदने को करने लगा.मैंने धीरे धीरे उसके जांघ पर हाथ रखा वो कुछ भी नहीं बोली, सिर्फ मुस्कुराई, फिर मैंने कहा दीक्षा मैं आज तुमसे कुछ मांगना चाहता हु, अगर तुम मना नहीं करो तो, तो वो बोली अगर मेरे















