कभी मेरा सिर अपनी चूत पर दबा देती.मैं तो मस्त होकर उसकी चूत चाट रहा था. मैंने पीछे से जाकर उसको दबोच लिया. BFSex तब तक उसकी बेटी भी सो चुकी थी तो अब मैंने उसके दूसरे उरोज को मुँह में भर लिया और दूध पीने लगा.जब मेरा पेट भर गया, तब मैंने आयशा को बोला- गांड फड़वाकर लंड लेने में तुम्हें मजा भी तो आया था. दोनों उंगलियों से चूत के लबों को फैलाया, तो धीरे धीरे मेरा वीर्य उसकी चूत से बाहर रिसने लगा.उसने अपनी एक उंगली अपनी चूत में से निकलने वाले मेरे वीर्य में भिगोई और मुझे दिखाते हुए बोली- आज पहली बार इतना सुख मिला है. फिर से एक बार आयशा की चीख निकली, उसकी आंखों से आंसू बहने लगे लेकिन इस बार ना तो उसने मुझे रोकने की कोशिश की… और ना ही खुद को छुड़वाने की.बस एक गाली देती हुई बोली- भैनचोद, थोड़ा आराम से पेल… समीर के आने तक तुझे ही चढ़ना है मेरे ऊपर, मैं कहीं नहीं जा रही!उसके मुँह से गाली सुनते ही मेरा लंड उसकी गांड में ही फूल गया और उसकी टाईट गांड मुझे और ज्यादा टाईट लगने लगी. मेरी किचन सेक्स ऐस फक कहानी पर अपने मेल जरूर भेजें. चूत की वो मादक गंध और उसका लिसलिसा स्वाद मिठास भरा लग रहा था.















