उस रात हमने बहुत बार चुदाई की और सुबह तक मेरी चूत पूरी तरह से सूजी हुई थी.तो सक्षम ने मेरे लिए दर्द की गोली लाकर दी जिसे खाकर मुझे थोड़ी राहत मिली. फिर में बोली कि तुम जो सोचकर कर रहे थे चाहो तो वो हक़ीकत में कर लो.फिर वो किसी भूखे शेर की तरह मेरे ऊपर कूद पड़ा, क्योंकि में भी तो बहुत गरम थी और समर के आने तक इंतजार नहीं कर सकती थी और अपनी चूत में उंगली कर सकती थी, लेकिन जो मज़ा लंड में है, वो उंगली में कहाँ? BFSex फिर हम तीनो नंगे हो गए और में पंकित और सक्षम के लंड को बारी बारी से चूसने लगी और सक्षम मेरी चूत चाटने लगा और पंकित मेरे बूब्स को चूसने लगा.मुझे ऐसा महसूस हो रहा था कि मानो में तो जैसे जन्नत में थी और में उस समय इतनी गरम हो गई थी कि वो दोनों मदारचोद मुझे सिर्फ़ तरसा रहे थे. फिर में बोली कि धन्यवाद और फिर हम लोग दारू पीने लगे.पीने के साथ साथ सक्षम मेरे बूब्स को दबाने लगा और फिर पंकित से बोला कि यार पंकित दारू के साथ और कुछ ना हो तो दारू का मज़ा नहीं आता.










