मैं तुमको तुम्हारी मनपसंद चीज दे दूंगी! मैं इधर मुठ मार रहा था. BFSex कुछ देर तक उनके वो दोस्त उनकी मस्त मस्त गोल गोल ३४ या करूँ ३६ साइज़ के मम्मे दबाता रहा.फिर उसने अपनी पैंट उतार के अपना मोटा सा नीग्रो जैसा लौड़ा मैडम के मुंह में डाल दिया. मैं झाँसी का रहने वाला हूँ. खुशबू मैडम की बुर मारने को वो १ महीना से बेचैन था. मैं ठीक से आज्ञाकारी चेले की तरह शांत होकर बैठ गया. खूब दबाया मैंने उनके आमों को फिर. खुशबू मिश्रा उनकी गोद में बैठी हुई थी. आगे से ब्लाउज खूब गहरा था. मैंने कह दिया. मैं इधर मुठ मार रहा था. मेरी टीचर इतनी मस्त माल है. उनको चिकनी मक्खन जैसी पीठ में वो काट रहा था. इससे पहले की मैडम अपने लाल लाल होंठों से कुछ कह पाती मैंने मैडम का हाथ पकड़ लिया. इस पुरे महीने मैंने बस एक ही ख्वाब देखा था की प्रिंयका मैडम की चूत मारना. मुझे थोड़ी देर भी हो रही थी. वो हक्की बक्की रग गयी. उनको भी पूरा मजा मिल रहा था. बहुत मजा आ रहा था दोस्तों. रोज आपको उस बगल वाले कमरे में संजीव सर से चुदवाते हुए देखता हूँ.










