बॉस की सेक्रेटरी ने ऑफिस के बाथरूम में सैलरी बढ़वाने के लिए चटखारेदार मज़ा लिया

मेरा नाम दामिनी है और मैं 18 वर्ष की हूँ और यह बात पहले की है। मेरे पड़ोस में मेरे पापा के दोस्त अखिलेश रहते थे, उनकी बेटी सुधा मेरी सहेली भी थी। मैं रोज शाम को उनके घर पर सुधा के साथ खेलने और अंकल से कम्प्यूटर पढ़ने जाती थी। Girl Sex Painसुधा के साथ खेलने बाद मैं उनके घर के थर्ड फ्लोर पर अंकल से कम्प्यूटर पढ़ने चली जाती थी। अपने घुटनों में गठिया होने के कारण आंटी सीढ़ियों पर चढ़ नहीं पाती थी इसलिए वो ग्राउंड फ्लोर पर ही रहती थी। अंकल मुझे बहुत ही मानते थे, मुझे अक्सर अपनी गोद में बिठाकर मुझे चॉकलेट खिलाते थे।उनकी गोद में बैठने के थोड़ी देर के बाद मुझे अपनी नितम्ब में कुछ कड़ापन महसूस होने लगता था, शुरू में तो मैंने इस बात पर ज्यादा नोटिस नहीं किया पर बाद में मैं समझ गई थी कि अंकलजी के गोद में बैठने के बाद उनके लिंग में तनाव आ जाता है।मुझे गोद में बिठाने के पहले वो अपना पायजामा उतार कर लुंगी पहन लेते थे। मुझे गोद में बिठाने के पहले अंकल मुझे बोलते थे कि तुम अपनी स्कर्ट को उठाकर मेरी गोद में बैठो, इससे तुम्हें ज्यादा गर्मी नहीं लगेगी।अंकल मुझे गोद में इस तरह से बिठाते थे कि उनका मोटा लिंग मेरे नितम्ब के दरार में फँस जाता था। मुझे

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