हमारे गांव में उसने एक भी नाली, एक भी सड़क नही बनवाई थी. वरना अभी तक तो मेरे पति ने ही मुझे छुआ था. BF XXX देखा तो मेरा होश उड़ गया. पर मैं मजबूर थी. मैंने कहा और बैठने के लिए उनको खाट दी.हमारा ये प्रधान उपर से तो खुद को हमारा रक्षक दिखाता था, पर था बहुत हरामी पीस. कौन सा मेरी चूत घट जाएगी या कम हो जाएगी. मैं गहन सोच में डूब गयी थी. मैं गाँव की रहने वाली हूँ. मैंने कहा.वो कमीना अपने गुर्गों के साथ शराब पी रहा था. उनको छुड़ाना मेरी जिम्मेदारी थी.मैंने एक नजर नीचे डाली. मेरे पति कहने लगे. वो मेरी जमीन के साथ साथ मुझ पर भी गन्दी नियत रखता था. फिर विशम्भर सिंह ने मारे द्वेष और इर्षा के मेरे पति पर चोरी का झूठा आरोप लगा दिया और उनको जेल में बंद करवा दिया. फिर उसने मेरी गाड़ भी २ बार ली. या तो अपनी जमीन के कागज मुझको लाके दे दे या अपनी शानदार जवानी की जमीन मेरे नाम कर दे’ वो कमीना बोला.दोस्तों, मैं रोते रोते घर चली आई. ये सोच मैंने खुद अपने कसे कसे ब्लाउज की बटन खोल दी.मेरे बड़े बड़े ३६ साइज़ की मस्त मस्त छातियों को देखकर विशम्भर सिंह पागल हो गया.















