दीदी मेरे पीछे गाउन पहन कर आ गयी और देखने लगी मैंने ध्यान नहीं दिया पर जब पलटा तो हैरान दीदी को देखने लगा. अगले दिन मैं कानपूर आ गया. XXX BF दीदी हैरान हो कर बोली क्या कर रहे हो. तुम्हारी कुवारी बूर की धाज्जियाँ उड़ा दूँ. तभी मैंने अपनी दो ऊँगली उनकी बूर में डाल दी और अपनी ऊँगली से चोदने लगा दीदी तड़प उठी और अपना चूतड़ हिलने लगी मस्त हो रही थी. तुम्हारी बुर फाड़ डालूं. मैं नीचे आया दीदी बाथरूम में गयी तो मुझे भी अंदर ले गयीं.और अपनी पैंटी उतार के बाथरूम करने लगी मेरे सामने घटा खुली हुई थी और एक अंजानी सी खुशबू मेरी नाक में गयी मई मचल उठा यह लड़कियों की माहवारी गंध थी. पर ये कहानी 12हवी की है जब मैं 18 का था और वह 25 की थी. दीदी बोली अच्छा अपना मन है तो सब कर रहे हो पर परेशान मत करो. ये कहानी मेरी गुड्डी दीदी की है उसकी फिगर तो बहुत सेक्सी है और रंग दूध जैसा गोरी और हुस्न शबाब है. वह बहुत सेक्सी थी और मैं हमेशा उनसे चिपका रहता था.















