एक दिन मैंने देखा कि वो मुझे घूरता रहता है, मेरे छोटे कपड़ों में से दिख रहे मेरे नंगे बदन को ताड़ता रहता है.मुझे भी मजा लेने की सूझी और मैंने अपना खेल शुरू कर दिया. XXX BF और वो फिर से अपनी कमर हिलाने लगता। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.फिर वो बोला- अब मैं आपको पीछे से चोदूँगा।मैं उठ कर घोड़ी बन गई, तो वो अपना लंड मेरी गांड पे रखने लगा तो मैंने कहा- अरे यहाँ नहीं, नीचे डाल!और फिर उसका लंड पकड़ कर अपनी चूत पे रखा, वो फिर से चोदने लगा, मगर इस पोज में उसको खेलने के लिए कुछ नहीं मिल रहा था, सिर्फ चुदाई ही कर सकता था। तो थोड़ा सा चोद कर वो बोला- मैडम जी वैसे ही सीधी हो जाओ, उसमें ज़्यादा मज़ा है।मैं फिर से सीधी हो कर लेट गई, वो मेरे ऊपर लेटा तो मैंने उसे अपनी बांहों में भरा और पलटी मार कर उसे नीचे और खुद उसके ऊपर आ गई। उसका लंड मेरी चूत से लगा था, बस मैंने हल्का सा ज़ोर लगाया और उसका लंड मेरी चूत में घुस गया। लंड घुसते ही मैं उठ गई और जैसे ही मैं सीधी हुई, सूरज का पूरा लंड मेरी चूत निगल गई। फिर मैंने खुद अपनी कमर हिलाई तो वो बोला- वाह मैडम, इसमें तो और भी















