मैं बिलकुल यही चाहता हूँ। तुम्हारा पति वहां बंगलौर में अपनी सेक्रेटरी के साथ मजे लूट रहा होगा और तुम यहाँ पर प्यासी रह जाओ। ये तो सरासर गलत है। बोलो बहू क्या ख्याल है???” ससुर जी से चमकती आँखों से इस तरह से पूछा की मैं मना नही करपाई। मैंने हां में सिर हिला दिया।उसके बाद तो ससुर जी शुरू हो गये। मेरे बड़े बड़े कसे कसे मम्मो को ब्लाउस के उपर से लप्प लप्प करके दबाने लगे। मैं “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा हा” करने लगी। ससुर जी मुझे प्यार करने लगे। ब्लाउस के अंदर से जितना दूध दिख रहा था उस पर चुम्बन की बारिश करने लगे।मैं भी गर्म होने लगी। मुझे मजा आने लगा। फिर से उन्होंने अपना मुंह मेरे मुंह पर रख दिया और फिर से मेरे रसीले को काट काटकर किस करने लगे। अब मैं गर्म हो गयी थी। मेरे अंदर की वासना भी अब जाग गयी थी। मैं भी अब ससुर जी से चुदना चाहती थी। वो अपने दोनों हाथो को गोल गोल मेरे ब्लाउस पर घुमा रहे थे। दबा दबाकर मजा लूट रहे थे।“प्यार करो पापा जी!!















