मेरे लिए चिंतित दिखने का झूठा नाटक क्यों कर रहे हैं?मेरी बात सुन कर वह बोले- नहीं वर्षा, तुम गलत सोच रही हो। मुझे तुम्हारी चिंता है इसीलिए रात के समय तुम्हे इस हालत में देख कर मैं परेशान हो गया था। जो बात तुमने स्त्रियों के बारे में कही है वह मैं जानता हूँ लेकिन तुम्हारे परिपेक्ष में मैं वह सोच ही नहीं सकता हूँ।मैं भड़क उठी और कह दिया- क्यों नहीं सोच सकते? क्या आप एक पुरुष नहीं हो? BFSex बस थोड़ी गर्मी से परेशान हूँ और समझ नहीं आ रहा कि क्या करूँ।जब ससुरजी ने पूछा- पंखा चला दूँ क्या?तब मैं समझ गई कि उनकी तरफ से बात आगे नहीं बढ़ेगी और मुझे ही कुछ कहना तथा करना होगा।इसलिए मैंने कहा- नहीं, यह गर्मी पंखे की हवा से दूर होने वाली नहीं है। आप सो जाइए क्योंकि मुझे लगता है कि आपसे इसका कोई भी इलाज़ नहीं हो सकता।ससुरजी ने फिर पूछा- अगर इसका इलाज़ मुझसे नहीं हो सकता तो डॉक्टर तो कर सकता है। मैं अभी डॉक्टर को फ़ोन करके पूछ लेता हूँ।जब मैंने देखा की वह उठ कर डॉक्टर को फ़ोन करने के जाने लगे थे तब मैं बोल पड़ी- डॉक्टर से पूछ कर क्या मिलेगा? क्या आपको पता नहीं की जब एक स्त्री उत्तेजित हो जाती है तब उसकी क्या हालत होती है?















