अई..मम्मी…..” करके चिल्ला रही थी। वो कसक रही थी। उसकी हालत बता रही थी की उसे भी मेरी तरह पूरा मजा मिल रहा था। मैंने उसके बाए दूध को पूरा का पूरा अंदर तक भर रखा था। मैं अपना मुंह चला चलाकर मजे से चूस रहा था। इतने मस्त रसीले आम मैं आजतक नही चुसे थे। फिर मैं उसका दायाँ दूध मुंह में भर लिया और मजे लेकर चूसने लगा। कुछ देर में मेरी भांजी ने खुद अपनी काली पेंटी निकाल दी।“भांजी….आ लौड़ा चूस आकर!!” मैंने कहा और बिस्तर पर लेट गया।“मामाजी….मुझे ये गंदा लगता है!!” दीपा बोली“अरे भांजी शुरू शुरू में हर लौंडिया यही बात कहती है….पर धीरे धीरे उसको आदत हो जाती है…चल आ ना” मैंने कहाबेमन से दीपा मुझ पर झुककर मेरा लौड़ा हाथ में लेकर फेटने लगा। मुझे इस बात की बहुत खुसी थी की उसकी रसीली चूत की सील मैं ही तोडूंगा और उसका उदघाटन मैं ही करूँगा। बड़ा मुंह बनाकर दीपा ने मेरा मोटा ८ इंच का लौड़ा अपने मुंह में ले लिया और किसी तरह चूसने लगी।मैंने उसके दूध को हाथ से दबाने लगा और उसकी कुवारी निपल्स को मैं ऊँगली से मसलने लगा। धीरे धीरे ऐसा करने से उसे जोश चढ़ रहा था और वो चुदासी होती जा रही थी। कुछ देर बाद उसे लंड चूसने में मजा मिलने लगा और वो दिल लगाकर















