सुषमा ने बड़े ही दुःख भरे स्वर में अपने विचार व्यक्त किये.“पर मैंने तुमसे शादी कि थी तुम्हारी माँ से नहीं.”“हाँ, पर मुझे पता है महीने में दो बार तुम्हारे लिए काफी नहीं है. और साथ में मेरी मम्मी को भी थोडा प्यार मिलेगा जो वो पापा के जाने के बाद से मिस करती हैं.”मन ही मन मैं बड़ा खुश हो रहा था. XXX BF दफतर में कुछ लड़कियों ने कई बात हिंट दिया पर मैं सुषमा से बेहद प्यार करता हूँ तो बात बिलकुल आगे नहीं बढाई.एक दिन सुषमा ने मुझसे बोल ही दिया, “अजय, तुम्हें अगर सेक्स कि जरूरत हो तो तुम मेरी माँ कि मदद ले सकते हो”.“जब तुम मुझे उपलब्ध हो तो मैं ऐसा क्यों करूंगा डार्लिंग!” मैंने जवाब दिया.“यही तो समस्या है. इस बात को एक सप्ताह गुजर गया. फिर अपनी दो उँगलियाँ उनकी चुदी हुई चूत में डाल कर हिलाने लगा. जीवन के इस नए अध्याय का रस बड़ा ही मीठा था. और अच्छी बात ये थी इसके कई सारे पन्ने अभी भी बाकी हैं जिन्हें मैं धीरे धीरे पढना चाहूंगा.अपने दोस्तों के साथ शेयर करे-















