दूसरी बेटी- अर्पिता जिसकी शादी होने जा रही थी। बेटा-अजय कुमार मेरे चाचा कानपुर सिटी मे रहते है।पडोस मे ही विमला देवी रहती है जिनके पती का स्वर्गवास बहुत पहले हो चुका था उनका एक बेटा है जो परदेस मे रहता है, विमला चाची अकेले रहती है उनकी देवरानी है देवर है जो उनसे अलग रहते है। और भी किरदार है जो जुडते चले जाएंगे दोस्तो अब कहानी पर आता हू.विमला चाची अकेली थी उम्र अंदाजन 50 के आसपास होगी गोरा दुधिया रंग चुचिया तनी हुई हल्का सा पेट बाहर चूतड गोल फूले हुए शायद ही कोई ऐसा हो जो उन्हे देखने के बाद लंड ना सहलाए। गांव पहुचा मेरे परिवार को छोड़कर सबका परिवार उपस्थित था सुरेश कुमार भी आए थे और चाचा अर्जुन कुमार का पूरा परिवार था।मै गांव पहुचा सबने मेरा स्वागत किया, करते भी क्यू ना 4 साल बाद जो गया था ज्योति भाभी से पहली बार मिला था बात तो नही की थी बस पहली बार देख रहा था वो भी मुझे देख रही थी फिर वो खाना बनाने चली गई रीमा भाभी मायके गई थी उनके मा की तबियत खराब थी इसलिए देखभाल करने के लिए वो गई थी।अभी शादी मे 15 दिन बाकी थे मेरे घर मे 7 कमरे है और एक बडा सा अंगना है आंगन मे नल है सभी वही नहाते कपडे धोते















