ज़िंदगी में पहली बार भाभी के बारे में सोच कर मेरा लंड खड़ा हुआ था.सुबह भैया ऑफीस चले गये. XXXBF मेरा लंड धीरे धीरे हरकत करने लगा. अगर मोटा तगड़ा लंड हो और चोदने वाला नंगी करके प्यार से चोदे तो बहुत ही मज़ा आता है.”“लेकिन भैया का लंड तो मोटा तगड़ा होगा. मुझे तो आप समझा सकती हैं लेकिन आपके रहते हुए भी मैं अनाड़ी हूँ. इतने में भाभी नहा कर कमरे में आ गयी. न्यूसपेपर से अपना चेहरा च्छूपा कर उस छेद में से लड़की की प्रतिक्रिया देखने में बहुत मज़ा आता था. तेरी बीवी की कुँवारी चूत का पता नहीं क्या हाल हो जाएगा. भाभी फिर से वैसे ही बैठ कर अपनी पॅंटी धोने लगी. उनकी गोरी गोरी मांसल टाँगें सॉफ नज़र आने लगी.तभी भाभी ने अपनी टाँगों को फैला दिया और अब तो मेरा कलेजा ही मुँह को आ गया. तेरी खुशी के लिए मैं वही करूँगी जो तू कहेगा.”“तो फिर सॉफ सॉफ बताइए आपका क्या मतलब था.”“मेरे बुद्धू देवर जी, मेरा मतलब ये था कि मर्द का वो बहुत तगड़ा होता है, औरत की नाज़ुक पॅंटी उसे कैसे झेल पाएगी ? ह… ऊवू..ओह.”अब मैने लंड को बिना बाहर निकाले भाभी की फटी हुई पॅंटी को पूरी तरह फाड़ कर उनके जिस्म से अलग कर दिया ओर छल्ले की तरह कमर से लटकते हुए पेटिकोट को उतार दिया.







