फिर उनके एक इशारे पर उनकी बेटी उठी और उनकी गोद में बैठ गई. XXX BF अब बस का कंडक्टर भी रितिका के पास आ गया और आते ही उसके बूब्स को दबाने लगा.फिर अंकल रितिका की टी-शर्ट को उतारने लगे. अब मेरे नीचे सिर्फ़ पेंटी बची थी और आंटी वापस मेरी पेंटी के ऊपर से मेरी चूत को रगड़ने लगी. इस पर अंकल तो वहीं रहे और कंडक्टर मेरे पास आ गया और वो तीसरा आदमी आंटी की बेटी को लेकर अगली सीट पर चला गया. हमने फिर मेट्रो पकड़ी और वहां से होते हुए हम पुराने किले पहुंचे और काफ़ी देर खड़े रहे और फिर बस का इंतज़ार करते रहे.आज वहां पर बहुत लोग थे हमने सोचा कि शाम होते ही सब चले जायेंगे फिर एक बस आई पूरी भरी हुई उसमें हम चढ़ गये, लेकिन अगले दो स्टॉप तक हमें किसी ने हाथ तक नहीं लगाया. और यह सोचकर में वैसे ही चुपचाप खड़ी रही. फिर रितिका ने अब उनके सुपाड़े को दो चार बार चूमा और फिर उनका लंड अपने मुँह में ले लिया. तू देखना बहुत मज़ा आने वाला है. हम दोनों के मुँह से एक साथ निकल गया नहीं, माँ चौक गई और पूछा क्यों नहीं? फिर मेरी चूत को वापस चूसने लगी, फिर वहां रितिका की स्कर्ट भी तीसरे आदमी ने उतार दी और फिर अपने कपड़े















