चाहिए एक भारतीय प्रेमिका

इतनी तो धूल दिख रही है, दोबारा करो।तो वह चला गया और थोड़ी देर बाद सफाई वाला समान लेकर आ गया और कमरे में पड़े फर्नीचर की सफाई करने लगा। मैं बेशक टीवी देख रही थी मगर मेरा सारा ध्यान उसी पर था, कैसे वो चोरी चोरी मेरी नंगी टाँगें देख रहा था।मैंने उससे पूछा- गाँव में क्या करते हो?वो बोला- जी स्कूल में पढ़ता हूँ।मैंने फिर पूछा- बस पढ़ते हो?वो बोला- जी, शाम को अखाड़े में जाता हूँ।मैंने मुस्कुरा का कहा- पहलवान हो।वो शर्मा गया।मैंने कहा- तो बॉडी वोडी तो लगती नहीं तुम्हारी?वो बोला- जी, पहलवानी में बॉडी नहीं बनती, शरीर में ताकत आती है।मैंने पूछा- कितने दांव पेच सीख लिए पहलवानी के?वो बोला- अभी तो नया नया शुरू किया है, तो अभी तो बस उस्ताद जी की मालिश करनी, अखाड़े की सफाई करनी, भैंस का दूध दोहना, बस ऐसे ही काम करता हूँ।मैंने पूछा- तू मालिश कर लेता है?वो बोला- हां जी, उस्ताद जी तो मेरे ही अपनी मालिश करवाते हैं।मैंने सोचा ‘औरतों से तो ब्यूटी पार्लर में बहुत मसाज कारवाई है, कभी किसी मर्द से अपने जिस्म की मालिश नहीं करवाई। पूछ के देखूँ, अगर ये मेरे जिस्म की मालिश भी कर दे, एकदम कड़क।’मैंने उससे पूछा- तेरा नाम क्या है?वो बोला- सूरज!मैंने पूछा- सूरज, जैसे तो अपने उस्ताद की मालिश कर देता है, क्या मेरी भी मालिश कर

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