love you श्लोक!!” बोलने लगी.वो मुझे उसी तरह से प्यार कर रही थी जैसे कोई औरत अपने शौहर से प्यार करती है। मैंने भी उसे दोनों बाहों में पकड़कर, उसे सीने से लगाकर खूब चोदा। खूब पेला उसे। कोई शिकायत का मौका नही दिया। कामुकता में आकर मैंने कितने बार उसके गोरे गालो पर दांत चुभा दिया और काट लिया। उसे दर्द हुआ पर मजा भी खूब आया। मैंने परवीन की चुदाई जारी रखी। 20 मिनट उसकी चूत मारी। फिर भी मेरा माल नही गिरा।“रंडी!! तेरी चूत में मुट्ठी करूंगा। सह लेना” मैंने कहा.मैंने जेब से एक कंडोम निकाला और उसे हाथ में पहन लिया। आप लोग तो जानते ही होंगे की कंडोम कितना चिकना होता है। अब धीरे धीरे मैंने अपनी मुट्ठी परवीन की चूत में डालनी शुरू कर दी। उसकी चूत रबर जैसी दिख रही थी।धीरे धीरे मेरी पांचो उँगलियाँ उसके भोसड़े में चली गयी। मुझे आज से जादा सुख कभी नही मिला था। मैं फिर धीरे धीरे हाथ बाहर निकाल लिया। परवीन “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. BFSex अई… उ उ उ उ उ…” करने लगी। उसे भी बहुत मजा आ रहा था। मैं दबा दबा कर रस निकाल रहा था। मैं दांत चुभा चुभा कर चूस रहा था। मैंने मन भरके उसके मम्मे चूस लिए। वो मेरी पेंट के उपर से लंड को सहलाने लगी।“क्या कर रही है जाने बहार??”















