जैसे कि मैं जन्नत में हूँ। उसके होंठों से जैसे अमृत टपक रहा था, हम दोनों मदहोश हो चुके थे। अब मेरा हाथ उसकी टी-शर्ट को उठा रहा था.. बस जो भी देखे.. XXX BF पर मेरी एक्सप्रेस अब रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी। थोड़ी देर बाद उसे भी मजा आने लग गया और अब वो भी मेरा बराबर साथ दे रही थी। भाई.. क्योंकि आप जानते है कि आखिर खरबूजे का मजा निम्बू कैसे दे सकते हैं!फिर भी मैं उसकी चूचियों को दबा रहा था। कुछ ही पलों बाद मैं उसके गले पर किस करने लगा था। अब उसे ऐसा लग रहा था.. एकदम मस्त.. बस जो भी देखे.. मैं ये नहीं कर सकती।ये मेरे खड़े लंड पर धोखा था। मैं भी जल्दी से दरवाजे की तरफ बढ़ा और उससे बोला- मैं जा रहा हूँ।तभी वो पीछे से उठी और मेरे हाथ को पकड़ कर बोली- जान.. वो मुझसे बात ही नहीं कर रही थी। कैसे भी मैंने उसे मनाया और सॉरी बोला। ऐसे ही हमारे बीच फिर से बात शुरू हुई। अब तो हम घंटों फ़ोन पर बातें करने लगे।फिर एक दिन उसने मुझसे बोला- मेरे रूम पर कोई नहीं है.. जैसे कि मैं जन्नत में हूँ। उसके होंठों से जैसे अमृत टपक रहा था, हम दोनों मदहोश हो चुके थे। अब मेरा हाथ उसकी टी-शर्ट को उठा रहा















