हा हा हा..” करके सिसक रही थी।मै अपने दानतो से मौसी की चूत के दाने को काट कर पी रहा था मेरी इस हरकत से मौसी का पूरा बदन तनमना उठता। मै लगातार अपने जीभ को मौसी के कोमल और रसीली चूत में डाल रहा था। थोड़ी देर बाद मैंने मौसी की फुद्दी को पीना बंद कर दिया, औप अपने 9 इंच के लंड को मौसी के हाथो में रख दिया।मेरे गठीले और मोटे लंड को देख कर मौसी खुश हो गयी। पहले तो उन्होंने मेरे लंड को थोड़ी देर तक दबाया पीहर उन्होंने मेरे लंड को अपने मुह में रख कर चूसने लगी।मौसी मेरे बड़े और मोटे लंड को मस्ती से चूस रही थी। मैंने अपने लंड को मौसी के मुह में पूरा डालने के लिए उसे हिलाने लगा, अब मेरा पूरा लंड उनकी मुह में जा रहा था और इससे मौसी को बहुत मजा आ रहा था।बहुत देर तक मेरा लंड चूसने के बाद मैंने मौसी की चूत को बजाने के लिया तैयार हो गया और अपने मोटे लंड से मौसी की रबड़ी की तरह मुलायम और रसीली चूत के गुलाबी दाने पर रगड़ने लगा, मौसी तो कामातुर होती जा रही थी। मैंने जानवारो की तरह अपने लंड से मौसी की चूत में जोर लगा के डालने लगा।जब मैंने अपनी मौसी की फुद्दी को बजाना शुरू किया तो पहले मेरी










