बार बार ये शब्द पुकारता हुआ मैं सम्पर्क जोङने की कोशिश करने लगा। पर तेरा कल्याण हो। मुझे दूर दूर तक सुनायी नहीं दिया। अब ये सांप के मुँह में छंछूदर बाली बात हो रही थी। अतः मेरे सामने दो ही रास्ते थे कि वापस पृथ्वी पर जाऊँ। या रास्ता बदलकर किसी अन्य जान पहचान वाले प्रेतलोक पर उतरकर सहायता लूँ। तब मुझे लूढा याद आया।लूढा सरल स्वभाव का प्रेत था। जो एक सच्चे साधु का तिरस्कार करने से प्रेतभाव को प्राप्त हुआ था। लूढा से सम्पर्क वाक्य था.. BF XXX तो तू ही बता दे..। इसके प्रत्युत्तर में अगर मुझे ये सुनाई पङ जाता कि.. शान्त.। बाबा ने बीच में ही हाथ उठाकर कहा – ये बताने की आवश्यकता नहीं है कि इसे क्या परेशानी है। और कैसे हुयी। और क्या होगा ?फ़िर बाबा मुझसे एक गुप्त भाषा में बात करने लगे। जिसका मतलब ये था कि मुझसे एक गलती हो गयी थी। वो ये कि मुझे किसी एक हिम्मती पुरुष को साथ लाना था। जो तमाम कार्यक्रम के क्रियान्वन के दौरान सुलेखा को संभाले रहता। दरअसल एक विशेष ट्रान्स विधि द्वारा मुझे बाबाजी के साथ “किनझर” नामक प्रेतलोक में जाना था। जहाँ की एक प्रेतकन्या टिंकू को ले गयी थी।अब ये बङी रहस्यमय हकीकत थी कि टिंकू यहाँ एक चलती फ़िरती लाश के रूप में नजर अवश्य आता था। पर वास्तव में















