आराम से मेरे नारियल चूसो!! XXXBF ‘ऋषि…. अई…अई….अई……” वो चिल्लाने लगी।मैं उसको पेलने खाने लगा। अस्मिता मेरे सामने किसी खुली किताब की तरह पड़ी थी। बिलकुल नंगी और बिना कपड़ों के। ये दिसम्बर का महीना था और सर्दियां पड़ रही थी। मैंने उसके बूब्स पर हाथ रख दिए और दबाते दबाते उसे लेने लगा। वो सीधा मेरी आँखों में देखने लगी। उसकी नजरों में नजरे डालकर मैं उसे ठोंक रहा था। कुछ देर बाद मैंने उसे जोर जोर के धक्के मारे और आउट हो गया। फिर मैंने उसे पलट दिया। मैं अच्छी तरह जानता था की अब कौन सी पोज में उसको चोदना है।मैंने अस्मिता को फर्श पर खड़ा कर दिया। वो नीचे की तरह झुक गयी और उसने झुककर अपने दोनों हाथ अपने पैरों पर रख दिए। जैसे हम पीटी करते है। मैंने उसके पीछे चला गया और उनकी कमर को दोनों हाथों से मैंने पकड़ लिया।कुछ देर बाद मैंने फिर से उसको नीचे झुका दिया पीटी वाले पोज में और फिर से लंड अंदर डाल दिया। मैं फिर से उसे चोदने लगा। अस्मिता देसी रंडियों की तरह जोर जोर से चिल्लाने लगी। उसकी चीखे मुझे और जोर जोर से उसे लेने को विवश कर रही थी। अस्मिता ने झुके झुके ही मेरे दोनों पैर पकड़ लिए। जिससे उसकी चूत और जादा कसी होने लगी और मैं जोर जोर से उसे पेलकर
गर्म दिनों में देसी भाभी कविता का पति से छुपकर चोरी चुपके प्यार
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