करते हुए भैंस को भैंसे के पास किया और भैंसे ने उस भैंस पर चढ़ाई कर दी। इस दौरान मैंने भैंस को पकड़े रखा कि वो भाग न जाए और भैंसा उसकी चूत में ही खल्लास हो। पशुधन बढाने के लिए यह जरुरी भी था कि वो उसके वीर्य को इसके चूत में ही गिराए।खैर मैने इस बार उसका कतरा कतरा भाभी की भैंस की चूत में गिराने दिया। भैंसा भैंस को चोदके संतुष्ट था और ऐसा लगा कि भैंस भी अब दुबारा गरम नहीं होने वाली है। भाभी ने यह खेल देखा और मैंने भैंस को खूंटे से बांध दिया। तुरत भाभी चाय बनाके लाईं और कहने लगीं इस बार तो आपने कमाल कर दिया। लगता है कि मेरी भैंस ठहर जाएगी, मतलब कि बच्चा जनेगी।मैने कहा भाभी आप भी अभी गरमा गरम लगती हैं हमें, आप भी इस साल हलवा खिलाएंगी क्या? BFSex ये क्या, लगता है भाभी की भैंस गरम हो गयी है। आज भैया घर में नहीं थे। मैं क्या करुं.मैंने बाहर देखा तो भाभी भैंस को मार रही थीं, डंडे डंडे, साली, गंवार, छिनाल रोज भैंसे से चोदवाती है पर फिर भी गरम ही रहती है। मैं क्या कहूं परेशान हो गयी हूं आज तो इसके भैया भी नहीं हैं यहां पर। मैने खंखारा, आं हां खार्र खर्र!















