आज मैं आपको अपनी चुदाई कहानी सुनाना चाहती हूँ। मैं अपने दोनों बेटो दीपक अमन को करन अर्जुन कहकर बुलाती हूँ। दोस्तों, पता नही क्यों मैं शुरू से ही बहुत सेक्सी और चुदासी टाइप की थी। जब मैं ८ साल की थी, तब पहली बार मैंने मम्मी को पापा का मोटा लौड़ा खाते हुए देखा था, माँ जोर जोर से आआआआअह्हह्हह. XXXBF अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह.. उ उ उ.चूसो चूसो…और चूसो.मेरे लौड़े को” दीपक बार बार चिल्ला रहा था।मैं ये बात सुनकर और जोश में आ गयी और अपने सगे बेटे दीपक का मोटा मूसल और मेहनत से चूसने लगी। फिर अमन आ गया और मेरे मुंह में लौड़ा डालकर चुस्वाने लगा। मैं बहुत जादा गर्म हो चुकी थी, अब बिना चुदवाए मेरा काम नही चलने वाला था।“मेरे करन- अर्जुन (दीपक अमन) ..बेटो जल्दी से अपने अपने मोटे मोटे लौड़े मेरी रसीली चूत में डाल दो और जल्दी मुझे चोदो बेटा..वरना मैं चुदास के कारण ही मर जाउंगी” मैंने कहा.मेरा दूसरा बेटा तुरंत मेरे उपर सवार हो गया। वो मुंह लगाकर मेरी रसीली और भरी हुई गुझिया(चूत) पीने लगा। मैंने अपने नाख़ून उसकी पीठ में गड़ा दिए क्यूंकि मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। मेरा सगा बेटा ही मेरी चूत मजे लेकर पी रहा था। अमन वही भोसड़ा पी रहा था जिससे वो पैदा हुआ था। कितनी अजीब और दिलचस्प बात थी ये।वो बड़ी अच्छी
गर्म कॉलेज की सेक्सी छात्रा और उसके शिक्षक का पहली बार होटल में चुदाई का मजा
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