क्या मेरी सौतेली माँ के लिए तुम्हें खो दूँगी? – इंडिया समर, एलिस मार्च

रेशमी की चीख निकल गयी। अंग्रेज बॉडीबिल्डर था। उसकी पकड़ से रेशमी छूट ना पायी। इतने में उसने दूसरा टिट्स यानि छाती भी निम्बू की तरह मसल थी। रेशमी को बड़ा बुरा लगा।बेबी! XXX BF ओओ ओ बेबी!! कैसी हो तुम?? वेरी नाइस!! जितने का कहो चेक काट दू!  वो कहते थे, पर रेशमी हँस कर हाथ छुड़ा लेती थी। उसे ये सिखाया गया था। इस तरह जिंदगी मजे से कटने लगी। रेशमी अब महीना 30 हजार से ज्यादा कमाने लगी।कई कई बार तो 40 हजार । वो हर महीने 10 हाजर अपने पापा यानि मेरे मामा के अकाउंट में लगा देती। जब आती तो पनीर, मिठाईया, बिअर, सिगरेट लती। मैं भी उसकी मुफ्त की सिगरेट फूंकता। रेशमी एक बड़ा 40 इंच lcd टीवी भी खरीद लायी। अगले महीने बड़ा सा फ्रिज ले आयी। लग रहा था हम बड़े आदमी हो गए है। रेशमी ने हँसकर मीठी मीठी बात करना सीख लिया था।कई कस्टमर तो नँगी होकर मसाज करवाते थे। उसे करना पड़ता था। एक साल बड़ा मजे से बिता। ओवन, वाशिंग मशीन, सब कुछ हमारे पास हो गया। फिर अचानक से उसके पार्लर के बगल में एक और पार्लर खुल गया। आधे से ज्यादा कस्टमर उधर चले गए। सुनने में आया की उसकी मसाज करने वाली लड़कियां चुदवा भी लेती है।पार्लर की सेल खत्म हो गयी और रेशमी की सैलरी लटक गयी। पार्लर

क्या मेरी सौतेली माँ के लिए तुम्हें खो दूँगी? – इंडिया समर, एलिस मार्च

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