मनीषा ने कहा- हाँ मैं घर पहुँच गई।अपने दोस्तों के साथ शेयर करे- फिर मेरे दिमाग में एक आइडिया आया। मैंने अपने सेल से एक मेसेज जो थोड़ा रोमांटिक था मनीषा को भेज किया। दो मिनट में उसका जवाब आ गया। ये देखकर में अब पूरी तरह समझ गया, कोई ना कोई पंगा है।अगले दिन सनई था। मैंने मनीषा को बुलाया और कहा- “कल आफिस बंद रहेगा पर जब कोई काम होता है तब आफ सनडे को भी आना पड़ सकता है..”मनीषा ने कहा- “मुझे कोई प्राब्लम नहीं है सर, मैं भी घर में बोर हो जाती हैं.”मैंने मुश्कराते हुए कहा “दोस्तों के साथ कहीं घूमने नहीं जाती क्या?”उसने कहा- “सर मेरे ऐसे दोस्त ही नहीं हैं.”फिर मैंने उसको कहा- “अगर तुम कल फ्री हो तो मेरे साथ लंच पर चलो..”सुनकर मनीषा खुशी से बोली- “एस सर… कहां चलना है?”मैंने उसको कहा- “बस कल तुम एक बजे मुझे अपने घर के पास मिलना, तब सोचते हैं की कहा जाना है?”फिर मनीषा मुझे बाइ बोलकर चली गई। मैं बहुत देर तक सोचता रहा की उसको कहां ले जाऊँ?














