हा हा हा… ऊऊऊ… उनहूँ उनहूँ.” की चीखे निकलते ही पापा ने कस कर मेरा मुँह बन्द किया और मेरी चूची को दबाने लगे। पूरा लंड जड़ तक पेल कर वो अपनी हवस को शांत करने लगे। मेरी चूत का पापा ने फाड़कर बुरा हाल कर दिया था। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.मेरी चूत फट चुकी थी। कुछ देर तक दर्द होने के बाद मै भी मजे लेने लगी। चीखे भी बहुत धीमी हो गयी थी। धीरे धीरे पापा का पूरा लंड मेरी चूत के अंदर चलाने लगे। अब उन्होने जोर जोर से धक्के मारने शुरू किए और करीब दस मिनट तक मेरी चूत चोदते रहे।मैं दर्द के साथ मज़े ले रही थी और अपने चूतड़ ऊपर उछाल उछाल कर कह रही थी। फाड़ डालो मेरी चूत को पापा… अब मैं तुम्हारी हूँ, जो चाहो कर लो। अब मैं सब कुछ करूँगी। इतना कहते ही जोर जोर से मेरे को चोदने लगे। मै “उंह उंह उंह हूँ.. BF XXX अब तुम्हें कली से फूल बनने का मौका है। आज अब तू अपनी हवस को मिटा ले.”पापा ने अपने लंड पर थूक लगाया। पापा अपना लंड मुठियाते हुए मेरी चूत पर अपना लंड रगड़ने लगे। दो चार बार ऊपर नीचे करके रगड़ने के बाद अपना लंड मेरी चूत के छेद से लगा दिए। पापा अपना लंड मेरी चूत में















